By: Amit kumaR Agarwal
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक, काश पटेल, ने शुक्रवार को संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक के रूप से शपथ ग्रहण की। एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि मैं अमेरिकी सपने को जी रहा हूं। आप पहली पीढ़ी के एक भारतीय से बात कर रहे हैं जो पृथ्वी पर सबसे महान राष्ट्र की कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने वाला है। ऐसा कहीं और नहीं हो सकता।
उन्होंने इस अवसर को अपने जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया। काश ने आगे यह भी कहा कि मैं वादा करता हूं कि एफबीआई के भीतर और इसके बाहर जवाबदेही होगी। उनकी यह बात अमेरिकी लोकतंत्र और कानून व्यवस्था के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है। उनका मानना है कि उनकी यात्रा और सफलता उस अमेरिकी सपने का प्रतीक है, जिसे किसी भी नागरिक के लिए संभव किया जा सकता है, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से आता हो।
एफबीआई की की नियुक्ति को लेकर गुरुवार को अमेरिकी सीनेट में मतदान हुआ, जिसमें उन्हें 51-49 के अंतर से जीत मिली। इस मतदान में दो रिपब्लिकन सांसदों, मेन की सुसान कोलिन्स और अलास्का की लिसा मुर्कोव्स्की ने पार्टी के नेताओं से अलग होकर पटेल के खिलाफ मतदान किया।
शपथ ग्रहण समारोह व्हाइट हाउस में हुआ, जिसमें अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने इसे आयोजित किया। इस मौके पर कई प्रमुख रिपब्लिकन नेता भी मौजूद थे, जिनमें टेक्सास के सीनेटर टेड क्रूज और ओहियो के प्रतिनिधि जिम जॉर्डन शामिल थे।
काश ने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली। काश पटेल की नियुक्ति और उनके शपथ ग्रहण के बाद, उनकी नेतृत्व क्षमता और एफबीआई के लिए उनके दृष्टिकोण को लेकर काफी चर्चा हो रही है।