By: Amit kumaR Agarwal
रविवार को, जर्मनी में होने वाले चुनाव को लेकर देशभर में हलचल है। चुनाव के परिणाम नए चांसलर का फैसला करने के साथ ही साथ, यह भी तय करेंगे कि जर्मनी की आगामी सरकार का स्वरूप कैसा होगा।
इस चुनाव में चार प्रमुख पार्टियां मुख्य भूमिका निभा रही हैं। ये सभी पार्टियाँ मतदाताओं के समर्थन के लिए जोरदार चुनाव प्रचार कर रही हैं। हालांकि देखने वाली बात ये होगी कि आखिर रविवार को जनता किस पार्टी को मत देकर विजयी बनाती है।
ये चार प्रमुख पार्टियां हैं, क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (CSU), जो चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ की पार्टी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD), ग्रीन्स और जर्मनी के लिए वैकल्पिक (AfD)।
इस चुनाव का मुख्य मुद्दा आप्रवासन और आर्थिक स्थिति है। आप्रवासन, विशेष रूप से शरणार्थियों और प्रवासियों द्वारा किए गए हाई-प्रोफाइल हमलों के कारण चर्चा में है। वहीं, यूक्रेन युद्ध के कारण जर्मनी की आर्थिक स्थिति भी गंभीर समस्या बन चुकी है।
ओलाफ स्कोल्ज़ ने पिछले तीन सालों से चांसलर के रूप में कार्य किया है। उनके नेतृत्व में गठबंधन सरकार को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसमें यूक्रेन में रूस के युद्ध के कारण जर्मनी की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला प्रभाव शामिल है। उनकी सरकार विवादों में रही, जिससे उनका प्रदर्शन कमज़ोर हुआ।