By: Aanya
दक्षिण कैरोलिना, अमेरिका में, पिछले 15 वर्षों में पहली बार किसी कैदी को फायरिंग स्क्वाड के जरिए मौत की सजा दी गई। इस तरीके के जरिए, मौत की सजा, हत्या के दोषी ब्रैड सिगमॉन (67) को शुक्रवार को दी गई।
सूत्रों के मुताबिक़ सिगमॉन को, तीन स्वयंसेवी जेल कर्मियों ने राइफलों से गोली मारी।
सिगमॉन ने 2001 में अपनी पूर्व प्रेमिका के माता-पिता को ग्रीनविल काउंटी स्थित उनके घर में बेसबॉल बैट से मार डाला था ताकि उनकी बेटी का अपहरण किया जा सके। उसने पुलिस को बताया कि वह उसे एक रोमांटिक वीकेंड पर ले जाने की योजना बना रहा था, फिर उसे और खुद को मार देने का प्लान था।
सिगमॉन के वकीलों ने कहा कि उसने फायरिंग स्क्वाड को इसलिए चुना क्योंकि बिजली की कुर्सी और घातक इंजेक्शन दोनों से उसे डर लागता है। सिगमॉन ने गुरुवार को राज्य के सर्वोच्च न्यायालय से इस कारण से अपनी सजा को रोकने का अनुरोध किया। लेकिन उसकी याचिका खारिज कर दी गई।
गवाहों में पीड़ित परिवार के तीन सदस्य, सिगमॉन का वकील, आध्यात्मिक सलाहकार और मीडिया के तीन सदस्य शामिल थे। सिगमॉन ने अपनी अंतिम बयान में ईसाई समुदाय से मौत की सजा खत्म करने की अपील की। फांसी से पहले प्रदर्शनकारियों ने जेल के बाहर प्रदर्शन किया, जिनके बैनरों पर "हर जीवन कीमती है" और "न्याय करो, हत्या नहीं" जैसे नारे लिखे थे।
सजा के दौरान सिगमॉन को काले जंपसूट में एक कुर्सी पर बैठाया गया। उसके सिर पर हुड और छाती पर सफेद रंग का एक लाल निशान लगा था। तीन बंदूकधारी जेल कर्मी 15 फीट की दूरी से एक साथ गोली चलाई। गोली लगने के बाद सिगमॉन ने कुछ गहरी सांसें लीं, और उसके सीने पर लाल धब्बे दिखाई देने लगे। लगभग 90 सेकंड बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया।