भारत-ब्रिटेन: मुक्त व्यापार समझौता वार्ता

By: Amit kumaR Agarwal


भारत आए ब्रिटिश व्यापार मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की बैठक हुई, जिसके बाद भारत-ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर सोमवार को वार्ता फिर बहाल हो गई। यह समझौता होने पर 10 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 20 अरब डॉलर से दोगुना-तिगुना होने की उम्मीद है।

साझा बयान में दोनों देशों ने जल्द समझौते पर सहमति बनने की उम्मीद जताई। बयान के मुताबिक, दोनों पक्ष एक संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी और प्रगतिशील समझौते की दिशा में वार्ता दोबारा शुरू करने पर सहमत हुए हैं, जिससे पारस्परिक वृद्धि हो सके और दोनों पूरक अर्थव्यवस्थाओं की ताकत बढ़े, व्यापारिक संबंध मजबूत होने से दोनों देशों के बीच व्यापार और उपभोक्ताओं के लिए अवसर खुलेंगे।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में गोयल ने कहा, यह समझौता आगे की राह खोलेगा और हमारे मौजूदा 20 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को अगले 10 वर्षों में दो-तीन गुना तक बढ़ाने में सक्षम होगा। यह पूछे जाने पर कि वार्ता कब तक पूरी हो जाएगी, उन्होंने कहा कि अच्छे समझौते पर पहुंचने के लिए कभी बहुत जल्दी या बहुत देर नहीं होती। ये समझौते दीर्घकालिक भविष्य के लिए होते हैं। इसलिए हमें किसी चीज में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि जल्द से जल्द निष्कर्ष निकालने पर सोचना चाहिए। वहीं, रेनॉल्ड्स ने कहा कि यह समझौता ब्रिटेन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

गोयल ने रेनॉल्ड्स की मौजूदगी में कहा, हमने एफटीए के एक हिस्से के तौर पर एक-दूसरे के सेवा क्षेत्र को खोला है और प्रत्येक देश की संवेदनशीलताओं की रक्षा की है, ताकि नए अवसर खुल सकें। जाहिर है कि इन सबके लिए व्यापार वीजा की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि दोनों देशों के बीच पहले से ही काफी खुलापन है। अगर हम दोनों अपने व्यापार और निवेश का विस्तार करना चाहते हैं, तो हमें वीजा जारी करने में तेजी और अधिक उदार होना होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत ने किसी भी मुक्त व्यापार समझौते वार्ता में आव्रजन पर कभी भी चर्चा नहीं की है।