भारत को मिलेगा कृत्रिम द्वीप पर एयरपोर्ट?

By: Monu Kumar


गौरतलब है कि मुंबई को अप्रैल में दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट मिलने जा रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज एयरपोर्ट के बाद अब नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का भी उद्घाटन होने वाला है। हालांकि, जिस खबर ने अब तक सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी हैं, वह है कृत्रिम द्वीप पर भारत के पहले एयरपोर्ट के निर्माण की।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में भारत का कृत्रिम द्वीप पर बना पहला एयरपोर्ट होगा। इसे लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। बताया गया है कि यह एयरपोर्ट वाढवण बंदरगाह के करीब एक कृत्रिम द्वीप पर होगा, जो कि छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा। 

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पालघर के करीब वाढवण बंदरगाह मुंबई के बिल्कुल सीमाई क्षेत्र में मौजूद है। वाढवण सीपोर्ट 76,000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है, जो कि पूरा होने के बाद दुनिया के 10 सबसे बड़े बंदरगाहों में शामिल होगा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2024 में इस सी पोर्ट की नींव रखी थी। बताया गया है कि यह बंदरगाह दो चरणों में विकसित किया जाएगा। पहला चरण 2030 तक पूरा हो जाएगा, जबकि दूसरा चरण 2039 तक पूरा होने की संभावना है।
 
वाढवण बंदरगाह की परियोजना का उद्देश्य विश्वस्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित करना है। ऐसे में बंदरगाह के नजदीक ही एक एयरपोर्ट की मौजूदगी, यहां आने वाले लोगों के लिए सहूलियत प्रदान करेगी।

वाढवण बंदरगाह के करीब इस एयरपोर्ट के निर्माण का प्रस्ताव पिछले साल देवेंद्र फडणवीस की तरफ से दिया गया था। तब फडणवीस महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्होंने कहा था कि मुंबई को आने वाले वर्षों में तीसरे एयरपोर्ट की जरूरत होगी उन्होंने केंद्र सरकार को सुझाव दिया था कि मुंबई का तीसरा एयरपोर्ट वाढवण बंदरगाह के करीब हासिल की गई जमीन पर ही बने।

गौरतलब है कि 2013 में इंजीनियरिंग सेवा प्रदाता कंपनी नीदरलैंड एयरपोर्ट कंसल्टेंट्स ने भी मुंबई के करीब कृत्रिम द्वीप बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसमें अलग से एक हवाई अड्डा बनाने की बात भी कही गई थी। नीदरलैंड एयरपोर्ट कंसल्टेंट्स के क्षेत्रीय प्रबंधन जोएरी ऑलमैन ने तब जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएनपीटी) के उत्तर में एक टापू बसाकर वहां एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव दिया था।