अर्जेंटीना: मुश्किल में फंसे राष्ट्रपति जेवियर माइली

By: Amit kumaR Agarwal


अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपो की जांच एक न्यायाधीश को सौंपी गई है।राष्ट्रपति पर आरोप है कि उन्होंने एक क्रिप्टोकरेंसी का प्रचार किया था। उनके प्रचार के बाद क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य गिर गया और निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ा। हालांकि राष्ट्रपति माइली ने धोखाधड़ी से इनकार किया और कहा कि मैंने सद्भावना से काम किया। 

राष्ट्रपति कार्यालय ने लिब्रा क्रिप्टोकरेंसी के साथ संलिप्तता से इनकार किया। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को इस परियोजना पर ध्यान आकर्षित किया था। यह एक ऐसी परियोजना थी, जिससे अर्जेंटीना को लाभ हो सकता था, लेकिन बाद में उन्हें इसके बारे में अधिक जानकारी मिली और फिर उन्होंने अपना समर्थन वापस ले लिया।

अर्जेंटीना के वकीलों ने रविवार को राष्ट्रपति के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद मामले को ब्यूनस आयर्स में संघीय न्यायालय संख्या एक की प्रमुख न्यायाधीश मारिया सर्विनी को सौंपा गया। वे आरोपों की जांच करेंगीं। एक ट्वीट में राष्ट्रपति माइली ने कहा था कि क्रिप्टोरकेंसी का उद्देश्य छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप को वित्त पोषित करके आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना था। बाजार  में इसकी कीमत में थोड़ी वृद्धि हुई और यह 4 बिलियन डॉलर से ऊपर पहुंच गया। 

आलोचकों की टिप्पणियों के बीच इसकी कीमत में गिरावट शुरू हो गई। माइली ने कुछ घंटे बाद क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य गिरने पर  पोस्ट हटा दी। इससे इसके कई नए निवेशकों को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ।

राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के विकास में राष्ट्रपति माइली शामिल नहीं थे। परियोजना शुरू पर जनता की प्रतिक्रिया के बाद अटकलों से बचने और आगे के जोखिम को सीमित करने के लिए उन्होंने अपना पोस्ट हटाने का फैसला किया।

राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने व्यक्तिगत अकाउंट पर केआईपी प्रोटोकॉल परियोजना के शुभारंभ की घोषणा करते हुए एक पोस्ट साझा की। माइली ने एक्स पर कहा कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के विवरण के बारे में जानकारी नहीं थी और उन्होंने राजनीतिक विरोधियों पर प्रकरण का फायदा उठाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।