By: Amit kumaR Agarwal
17वें जिनेवा शिखर सम्मेलन-2025 में वक्ताओं ने, मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिए, चीन, रूस, सऊदी अरब, बेलारूस, हांगकांग, वियतनाम और ईरान में मोषवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रकाश डालो। चीनी अत्याचारों को लेकर तिब्बती कार्यकर्ता व पूर्व राजनीतिक कैदी नामकी ने उसे सताए जाने के भयावह अनुभवों का जिक्र भी किया।
केंद्रीय तिब्बत प्रशासन (सीटीए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, नामकी ने चीनी सरकार द्वारा सताए जाने के अपने दर्दनाक अनुभवों को बताते हुए कहा, 21 अक्तूबर, 2015 को जब वह और उनके चचेरे भाई तेनजिन डोलमा ने नगाबा काउंटी के शहीद चौक पर विरोध प्रदर्शन किया तब 10 मिनट बाद ही पुलिस अफसरों का समूह हम पर टूट पड़ा। उन्हें चीन में कैद के दौरान भयानक यातनाएं झेलना पड़ीं।
यह सम्मेलन सेंटर इंटरनेशनल डी कॉन्फ्रेंस जिनेवा (सीआईसीजी) में चल रहा है।